क्या मुझे संपूर्ण घुटना परिवर्तन चाहिए?

संपूर्ण घुटना परिवर्तन एक निर्वाचित शल्य क्रिया है। यह निर्णय आपका है, यह शल्य चिकित्सा आपकी है, आपका चिकित्सक शल्य क्रिया के लिए सलाह देता है, लेकिन आपका निर्णय शल्य क्रिया के लाभ और हानि के विपरीत आप पर निर्धारित है। आपके सभी प्रष्नों के उत्तर आपकी शल्य क्रिया के निर्णय से पहले दिए जा रहे हैं।

यदि आपकी अभी तक कोई शंकाएं हैं, कृपया हिचकिचाऐं नहीं, हमें संपर्क करें-

दिल्ली ट्रामा (घाव) एवं आर्थोपीडिक्स (हड्डी रोग) संस्थान

संत परमानंद अस्पताल

18, शामनाथ मार्ग, सिविल लाईन,

दिल्ली-110054

मेरे घुटने के शल्य क्रिया के बाद मुझे कैसे सावधानी रखनी है?

आपके परिवर्तित घुटने आपको सालों की सेवा प्रदान करनी चाहिए। आप इसे कुछ आसान उपायों के द्वारा सुरक्षित रख सकते हो –

अवलोकन (सर्तकता) और संक्रमण से पूर्वनिवारण:- क्योंकि आपका घुटना संक्रमण के लिए नवीन है, आपको संक्रमण के बचाव से मेहनत करना अनिवार्य है। यदि आप संक्रमण के कोई भी प्रकार से संदेह है, अपने चिकित्सक को सही मार्ग से संपर्क करें।

देखभाल का अनुसरण:- आपका नियमित अनुसरण भेंटें आपके शल्य क्रिया की सफलता की लंबी अवधि के लिए सुरक्षित करेगी। प्रायः, अनुसरण एक्स-किरणें कृत्रिम जोड़ के पंक्तिबद्ध और स्थिति के होने को उचित प्रमाणित करेगी।

वजन नियंत्राण:- अपने वजन को नियंत्राण के अधीन रखें। यह आपके नए घुटने पर दबाव और तनाव की मात्रा को कम करेगा। उच्च संघात खेलों से बचें और नियमित कम संघात वाली गतिविधियों में भाग लें ताकि आपके नए घुटने ताकतवर हों और व्यायाम करें, आपको स्वस्थ रहने की आवश्यकता है। परंपरागत घुटने परिवर्तन के बाद पैर पर पैर रखकर या आल्थी-पाल्थी मारकर बैठने का प्रयास नहीं करना है।

मुझे जाँच के लिए कब आना है?

आपकी शल्य चिकित्सा की तारीख के 2 हफ्तों के बाद टाँकें काटने के लिए पहली वापसी भेंट होगी। दूसरी भेंट 1 महीने के बाद होगी, इस समय पर आपकी जांच और एक्स-किरणें की जायेंगी। उत्ताकालीन भेंटें आपके विकास पर दी जायेंगी।

मेरे घर जाने के बाद क्या होता है ?

दवा – प्रयोग:

आप अपने चिकित्सक के द्वारा निर्धारित दवाऐं लगातार लेंगे।

क्रिया-कलापः

  • लगातार बैसाखी/ पैदल चलने वाली यंत्रा के साथ चलना
  • वजन सहना और टाँग पर ज्यादा से ज्यादा आराम से चलना है।
  • शारीरिक व्यायाम के लिए चलना एक उत्तम प्रकार है और मांसपेषी की ताकत के लिए अच्छा है।
  • आपकी शल्य क्रिया की सफलता आपके कितने अच्छे व्यायामों और मांसपेषीयों की ताकत एक विशाल सीमा पर निर्भर करता है।
  • अपना निर्धारित गतिहीन घुटना आवरण लगातार पहनें।
  • हमारा अंतिम उद्देश्य है कि आप अपने घुटने करीब 90 डिग्री तक (प्रायः ज्यादा) मोड़ने की योग्यता होनी चाहिए और आपका घुटना की ताकत की योग्यता होनी चाहिए।
  • शल्य क्रिया के 6 हफ्तों के बाद , अधिकांश रोगी बेंत के साथ चलने योग्य हो जाते हैं।

अतिरिक्त सोच.विचार:-

  • घुटना गीला नहीं करना है जबतक टाँकें निकाल नहीं दिए जाते हैं।
  • आप सामान्यतः आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित किये गए 2-3 महीनों में काम पर वापस जा सकते हैं।
  • आपको कार नहीं चलानी चाहिए जबतक आपके चिकित्सक सलाह न दें।

घाव की देखभालः-

घाव साफ और सूखा रखें। यदि घाव की जगह से कोई निकासी या लाल, सूजन होती है, या आपको कोई दर्द या बुखार होता है, यह तत्काल अपने चिकित्सक को सूचित करें। शल्य चिकित्या के 2 हफ्तों के बाद टाँकें हटा दिये जाते हैं।

क्या मैं घुटना परिवर्तन के उपरान्त पैर पर पैर एवं आल्थी पाल्थी मारकर बैठ सकता हूँ?

एक संपूर्ण घुटना परिवर्तन के लिए परंपरागत रोपने के उपरान्त , एक व्यक्ति आराम से चल सकता है और उसके घुटने की गति अच्छी हो जायेगी। फिरभी, पैर पर पैर और आल्थी-पाल्थी मारकर बैठना सलाह नहीं है। यदि एक व्यक्ति उत्तम घुटना मोड़ना रोपण के लिए चुनता है, घुटने की गति की श्रेणी पैर पर पैर और आल्थी-पाल्थी मारकर अच्छी अनुमति होती है। हम सामान्यतः सुझाव देते है कि आप आल्थी-पाल्थी मारकर नहीं बैठना है क्योंकि यह प्रथक मांसपेषी की सामथ्र्य और स्वास्थय स्तर पर निर्भर करता है। आपका चिकित्सक आपको आरामदायक गतिविधियों को करने पर सलाह देगा।

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