Due to the sad demise of our beloved Dr.Shekhar Agarwal, his dedicated team of surgeons will be available for all your needs, please click on the below surgeon links to book an appointment with them
An update on the changes in modern-day knee replacement surgery.
In todays world of modern medicine, knee replacement surgery has become one of the most precise and perfected surgical procedures in the world. Medical care for this surgery has become super specialised, patient awareness has increased, recovery is faster and the implants used are now custom fitted for each patient.
To celebrate Holi, hundreds of former knee and hip replacement patients came together at Dr. Shekhar Agarwals Holi Milan at Sant Parmanand Hospital, Delhi. Dr. Agarwal, an executive director at the hospital, is a joint replacement surgeon who performs over 1,000 replacement surgeries every year. People suffering from the last stage of arthritis including many who have lost all hope and the ability to walk, climb stairs or conduct day-to-day activities are able to resume normal life after undergoing the knee and hip surgery , Dr Agarwal told us. Holi Milan offered them a chance to share their experiences and celebrate their recovery .
Every year, more than 400 patients attend the event along with their families, where they dance, play games and listen to poetry while enjoying street food and sweets.Knee replacement surgery is one of the most successful operations in the medical field, and thats exactly what is celebrated at the event, Dr Agarwal added.
नई दिल्ली, (ब्यूरो): दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। दोनों कूल्हों की हड्डी टूटने के कारण दिल्ली की रिचा दो साल से बेड पर पड़ी थीं। मोटापे की शिकार रिचा के अत्यधिक वजन के कारण उनके दोनों कूल्हों की हड्डी टूट गई थी। रिचा अपने रोजमर्रा के काम तक नहीं कर पाती थीं, संत परमानंद अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने दो चरणों में ऑपरेशन कर रिचा को चलने-फिरने लायक बनाया है। डॉक्टरों का कहना है कि रिचा के वजन के कारण उन्हें एनस्थीसिया देना मुश्किल था। संत परमानंद अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर साइमन थॉमस ने बताया कि रिचा को हाईपोटेंसिव एनस्थीसिया दिया गया था। जिससे रिचा का ब्लड प्रेशर कम किया गया। इसके लिए उनकी रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन लगाकर उनके पैरों को सुन्न किया गया था। इससे पहले भी रिचा एक बार ऑपरेशन करा चुकी थी, लेकिन ऑपरेशन सफल नहीं हुआ था। ऑपरेशन के बावजूद भी रिचा चलने-फिरने में असफल रही थीं। संत परमानंद अस्पताल के डॉ. शेखर अग्रवाल के नेतृत्व में डॉ. गौरव राठौर, डॉ. साइमन थॉमस, डॉ. बी.एन. सेठ और डॉ. वी. कल्ला की टीम ने दो चरणों में ऑपरेशन कर रिचा को चलने-फिरने लायक बनाया है। फिलहाल रिचा अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर लेती है।
कटी हुई हथेली को फिर से जोड़ने में डॉक्टरों को सफलता मिली है। 21 साल के मौनु शर्मा की हथेली दिल्ली के डॉक्टरों ने 14 घंटे चली सर्जरी में जोड़ दी है। वे सभी धमनियों और नसों को भी जोड़ने में सफल रहे। दुर्घटना के 8 घंटे के अंदर मरीज हापुड़ से दिल्ली पहुंच गया। पहले से तैयार ओटी में सर्जरी की गई। अब मरीज ठीक है।
संत परमानंद अस्पताल के हैंड एंड फुट माइक्रो सर्जन डॉ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि हापुड़ के एक गांव में आयरन फैक्ट्री में काम करने के दौरा मौनु का बायां हाथ कलाई के पास से कट गया था। घटना के बाद मौनु को नजदीक के अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन अस्पताल में स्पेशलिस्ट सर्जन की कमी की वजह से वहां काम कर रहे एक जूनियर डॉक्टर ने उन्हें फोन कर सारी सूचना दी और कहा कि मरीज को दिल्ली भेज रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि कटे हुए हाथ को 12 घंटे के अंदर जोड़ा जा सकता है, लेकिन कटे हुए पार्ट को प्रिजर्व करना जरूरी है। हमने फोन पर ही उन्हें हाथ को प्रिजर्व करने की सलाह दी। कटी हुई हथेली को गीले कपड़े में लपेट कर पॉलिथीन में सील करके इसे आइसबॉक्स में रखने को कहा। हाथ आइस के डायरेक्ट टच में नहीं आना चाहिए। अगर अंगुली कटी हो तो उसे जोड़ने के लिए 24 घंटे का समय होता है, क्योंकि अंगुली में मांसपेशियां नहीं होती हैं।
डॉक्टर ने बताया कि पेशंट की स्थिति को देखते हुए पहले से ऑपरेशन की सारी तैयारी कर ली गई थी। पेशंट को दिल्ली पहुंचने में करीब 8 बज गए। सबसे पहले ब्लड लॉस को रोका गया और कुछ जरूरी टेस्ट के बाद सर्जरी की शुरुआत की गई। सर्जरी रात 8 बजे शुरू की गई और यह सुबह 10 बजे तक चलती रही। सबसे पहले हाथ की हड्डी को जोड़ा गया। इसके लिए के वायर पिन्स का इस्तेमाल किया गया। फिर ब्लड सर्कुलेशन चालू करने के लिए आर्टरी को जोड़ा गया। आर्टरी को जोड़ने का काम बहुत ही बारीक तरीके से किया जाता है, जरा-सी चूक से नुकसान हो सकता है। इसके बाद टेडेन्स को जोड़ा गया, जिससे कलाई मूव कर सके। फिर नर्व को जोड़ा गया ताकि सेंसेशन हो। इसके बाद स्किन को स्टिच किया गया।
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : सिविल अस्पताल में तीन दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। सिविल वेलफेयर सोसायटी की ओर से रणजीत सिंह कटोच ने बताया कि शिविर में 35 ऑपरेशन निशुल्क किए गए। इस मौके पर कोलोरीश्टोमी, हिस्टरेक्टॉमी, रिमूवल ऑफ ओवेरियन सिस्ट व अपेंडीसाइटॉमी आदि बीमारियों के ऑपरेशन किए गए। शिविर में लेडी विलिंग्डन अस्पताल मनाली के प्रमुख रहे सर्जन डॉ. जार्ज वर्गीज व दिल्ली से डॉ. निर्मला अग्रवाल व डॉ. काले ने यह कार्य किया। रणजीत कटोच के अनुसार बीजी बागुर, श्री सीमेंट व जोगेंद्रनगर के डॉ. सिंगला का विशेष योगदान रहा। रणजीत सिंह कटोच ने कहा कि डॉ. जार्ज वर्गीज ने सिविल वेलफेयर सोसायटी के समक्ष इच्छा व्यक्त की थी कि वह जोगेंद्रनगर में निशुल्क शल्य चिकित्सा शिविर लगाना चाहते हैं। सोसायटी ने उनके प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के सामने रखा व सहयोग की अपील की। इस पर कौल सिंह ठाकुर ने मंडी के जिला स्वास्थ्य अधिकारी को आदेश दिए कि शिविर के आयोजन में सहयोग किया जाए। रणजीत सिंह कटोच ने आयोजन में सहयोग के लिए सभी का आभार जताया है।